न ही वह सम्बोधन, जिसे मैं प्रतिदिन सुनता था- नमस्ते जी ! न ही वह सम्बोधन, जिसे मैं प्रतिदिन सुनता था- नमस्ते जी !
देहाती लड़कियों से शादी करनी ही नहीं चाहिए देहाती लड़कियों से शादी करनी ही नहीं चाहिए
ठीक भी है, कोई किसी दूसरे की बुद्धि से सीखे तो ख़ुद अपनी अक्ल का क्या करें? ठीक भी है, कोई किसी दूसरे की बुद्धि से सीखे तो ख़ुद अपनी अक्ल का क्या करें?
"यहाँ औरतें बिकती हैं" कौन बेच सकता है औरत को.... "यहाँ औरतें बिकती हैं" कौन बेच सकता है औरत को....
दुनिया के सामने हमारा जीवन उदाहरण बनकर प्रस्तुत होता है दुनिया के सामने हमारा जीवन उदाहरण बनकर प्रस्तुत होता है
मैं हिंदी माध्यम में पढ़ी हूँ, मेरी तो सारी ही किताबें हिंदी में ही होती थीं मैं हिंदी माध्यम में पढ़ी हूँ, मेरी तो सारी ही किताबें हिंदी में ही होती थीं